
मुजफ्फरनगर। जिले के दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे-58 पर बिलासपुर कट एक बार फिर ‘डेथ पॉइंट’ बन गया। शुक्रवार दोपहर एक दर्दनाक हादसे में धंधेड़ा गांव निवासी 55 वर्षीय मैनुद्दीन की मौके पर मौत हो गई, जबकि उनकी 52 वर्षीय पत्नी रूखसाना गंभीर रूप से घायल हो गईं। इस हादसे ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया, जिन्होंने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। बिलासपुर कट पर बार-बार होने वाली दुर्घटनाओं के कारण लोग फ्लाईओवर और बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।शुक्रवार दोपहर मैनुद्दीन अपनी पत्नी रूखसाना के साथ बाइक से मुजफ्फरनगर से अपने गांव धंधेड़ा लौट रहे थे। इसी दौरान हरिद्वार की ओर से तेज रफ्तार में आ रहे तीन बाइक सवारों ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि मैनुद्दीन का सिर सड़क पर लगने से फट गया, और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। रूखसाना को गंभीर चोटें आईं, और उन्हें राहगीरों की सूचना पर पहुंची एंबुलेंस के जरिए जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। हादसे के बाद तीनों आरोपी बाइक सवार अपनी बाइक मौके पर छोड़कर फरार हो गए।हादसे की सूचना मिलते ही नई मंडी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। कोतवाली प्रभारी दिनेश बघेल ने स्थिति को नियंत्रित करते हुए सड़क पर लगे जाम को खुलवाया। पुलिस ने फरार आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है और घटनास्थल पर छोड़ी गई बाइक को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि आरोपियों की पहचान हो सके।हादसे से गुस्साए ग्रामीणों और राहगीरों ने बिलासपुर कट पर सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। स्थानीय निवासी मोहम्मद सुल्तान ने आरोप लगाया कि पुलिस की चेकिंग के कारण बाइक सवार घबरा जाते हैं और तेजी से भागने की कोशिश में हादसे हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “पुलिस चेकिंग के दौरान बाइक सवार डरकर तेजी से निकलने की कोशिश करते हैं, जिससे ऐसी दुर्घटनाएं हो रही हैं।” ग्रामीणों ने मांग की कि बिलासपुर kट पर फ्लाईओवर बनाया जाए, क्योंकि यह क्षेत्र लगातार हादसों का गढ़ बन चुका है। हाल ही में इस कट पर एक डंपर पलटने से दो लोगों की मौत और सात लोगों के घायल होने की घटना भी हो चुकी है।बिलासपुर कट लंबे समय से हादसों के लिए कुख्यात रहा है। स्थानीय लोग इसे ‘डेथ पॉइंट’ कहने लगे हैं। इस कट पर तेज रफ्तार वाहन, अपर्याप्त सिग्नलिंग, और फ्लाईओवर की कमी हादसों का प्रमुख कारण है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने बार-बार की मांग के बावजूद इस क्षेत्र में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। कुछ दिन पहले एक ट्रक हादसे में दो युवकों की मौत ने भी इस कट की खतरनाक स्थिति को उजागर किया था।हादसे ने एक बार फिर बिलासपुर कट पर फ्लाईओवर और बेहतर सड़क सुरक्षा व्यवस्था की मांग को तेज कर दिया है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है, जिसमें सड़क पर स्पीड ब्रेकर, ट्रैफिक सिग्नल, और नियमित पुलिस गश्त शामिल हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग इस हादसे पर दुख जता रहे हैं और प्रशासन की लापरवाही की आलोचना कर रहे हैं। सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सुरक्षा उपाय नहीं किए गए, तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।यह हादसा प्रशासन और पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। बिलासपुर कट पर बार-बार होने वाली दुर्घटनाएं सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन की खामियों को उजागर करती हैं। लोगों ने मांग की है कि प्रशासन न केवल फरार आरोपियों को जल्द पकड़े, बल्कि इस कट पर स्थायी समाधान भी निकाले।